सैन्य जुंटा पर फिर लगा है नागरिकों को उत्पीड़न का आरोप
राष्ट्रीय खबर
ढाकाः विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने पिछले शनिवार को म्यांमार के रखाइन राज्य में बांग्लादेश सीमा पर स्थित बुथिडोंग शहर पर कब्जा कर लिया। वे वहां रोहिंग्याओं के घर जला रहे हैं। लूटपाट भी कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी इसकी चर्चा होने लगी है। बताया जा रहा है कि जुंटा सरकार ने पहले ही उस राज्य में इंटरनेट और टेलीकॉम सेवाएं बंद कर दी हैं।
नतीजतन, बुथिडोंग की स्थिति का बाहर से पता नहीं चल पाता है। बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में रह रहे रोहिंग्या कवि फारूक ने बताया कि वह शनिवार से अपने रिश्तेदारों से बात नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले जुंटा सेना को थाईलैंड की सीमा पर भी अपना शिविर खाली कर भागना पड़ा था। वहां की लड़ाई की वजह से अनेक नागरिक भी भागकर थाईलैंड में चले गये हैं।
यहां के रोहिंग्या के मानवाधिकारों पर काम करने वाले संगठनों का कहना है कि अराकान सेना के डर से लगभग 200,000 लोग बुथिडोंग छोड़ चुके हैं। इनमें कई महिलाएं और बच्चे भी हैं जो बिना खाना और दवा के धान खाने का सहारा लिए हुए हैं। हताहत भी हुए। हालांकि, इसकी संख्या की पुष्टि नहीं हो सकी है।
संपर्क बाधित होने की वजह से इस जानकारी की सत्यता की पुष्टि नहीं हो सकी है। हालाँकि, उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि पिछले शनिवार की सुबह से केंद्रीय शहर बुथिडुंग में आग का एक बड़ा क्षेत्र जल रहा है। इस चित्र में पहले के आबाद शहर और अभी के जले हुए इलाकों को पहचाना जा सकता है।
अमेरिका स्थित मैक्सार टेक्नोलॉजीज के उपग्रह छवि डेटा के अनुसार, उस दिन बुथिडोंग में बड़े पैमाने पर विनाश किया गया था। रोहिंग्या कार्यकर्ता न्याय सैन लुइन ने कहा कि पूरा शहर जल रहा है। ऐसे बहुत कम घर हैं जिनमें आग न लगाई गई हो। 2016 और 2017 में भी रोहिंग्याओं पर इसी तरह अत्याचार किया गया था। उस वक्त करीब 10 लाख रोहिंग्या ने बांग्लादेश में आकर शरण ली थी। म्यांमार में कई युवा रोहिंग्याओं को म्यांमार के जुंटा और विभिन्न विद्रोही समूहों द्वारा जबरन भर्ती किया जा रहा है।