अररिया की इस घटना को लेकर राजनीति तेज, ग्रामीण परेशान
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मामले की प्रशासनिक जांच का आदेश
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अधिकांश बच्चों को अस्पताल से छोड़ा
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अब तक असली बात सामने नहीं आयी
राष्ट्रीय खबर
पटनाः बिहार के अररिया जिले के एक मध्य विद्यालय के लगभग 60 बच्चे बुधवार को मध्याह्न भोजन खाने के बाद कथित विषाक्त भोजन के कारण बीमार पड़ गए, हालांकि स्कूल प्रशासन ने इस आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि बच्चे गांव की दावत में शामिल होने के बाद बीमार पड़ गए। बच्चों को उल्टी शुरू होने के बाद बुधवार रात करीब 9 बजे अररिया जिला अस्पताल ले जाया गया। सौभाग्य से, अधिकांश बच्चे खतरे से बाहर हैं। एसडीओ अनिकेत सिंह के हवाले से यह जानकारी दी गयी है। एसडीओ ने कहा कि उनमें से कुछ का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि उनमें से अधिकांश को छुट्टी दे दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अररिया के गोधी टोला स्थित जितवार मध्य विद्यालय के छात्रों ने स्कूल छोड़ने के तुरंत बाद सिरदर्द और पेट दर्द के लक्षण बताए। रात करीब 8 बजे उन्हें उल्टियां होने लगीं। स्थिति तेजी से बिगड़ी और लक्षण वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई। स्थानीय लोगों ने कहा, कुछ ही मिनटों के भीतर, 50 से अधिक बच्चे बीमार पड़ गए, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
सिविल सर्जन विधान चंद्र सिंह ने कहा, सभी बच्चे सुरक्षित हैं। सिविल सर्जन ने इसकी पुष्टि की कि यह फूड पॉइजनिंग का मामला है। इस बीच, स्कूल के प्रधानाध्यापक अभिनंदन ऋषिदेव ने कहा, नामांकित 437 छात्रों में से 227 बुधवार को उपस्थित थे और उन्हें तय कार्यक्रम के अनुसार मध्याह्न भोजन में खिचड़ी चोखा परोसा गया। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने आरोप लगाया कि सभी बीमार बच्चे एक ही इलाके के थे और गांव की दावत में खाना खाने के कारण बीमार पड़ गये। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
चुनावी माहौल में बच्चों का अचानक से बीमार पड़ जाना भी एक मुद्दा बन गया है। इसे लेकर कई किस्म की चर्चा बाजार में है। इस बीच यह अब तक पता नहीं चल पाया है कि दरअसल बच्चों के अचानक से बीमार पड़ने की असली वजह क्या थी। गांव के दावत में नहीं खाने की बात कहने से अलावा यह नहीं बताया गया है कि मध्याह्न भोजन को तैयार करने में किसी तरह की गड़बड़ी हुई थी अथवा नहीं।
आम तौर पर इस किस्म की सूचनाओं के साथ साथ यह जानकारी भी आती है कि भोजन में छिपकिली अथवा कोई और जानवर गिर जाने की वजह से यह भोजन जहरीला हो गया था। इस बार के मामले में अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। दूसरी तरफ यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिस गांव के दावत की बात पहले आयी थी, वह दावत आखिर किसके घऱ पर थी और वहां भोजन करने वाले दूसरे लोग भी बीमार पडे हैं अथवा नहीं।