पिछले अनुभव से सबक लेकर तैयारी के साथ आये हैं आंदोलनकारी
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः किसानों की एमएसपी तथा अन्य मांगों को लेकर दिल्ली मार्च के लिए किसान डटे हुए हैं। इस बार इन किसानों ने पहले से बेहतर तैयारी कर मार्च प्रारंभ किया है। इसके बीच ही पहली बार शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस ड्रोन से निपटने के लिए किसानों ने पतंग उड़ाई।
जब हरियाणा-पंजाब सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए, तो आंदोलनकारियों ने पुलिस से मुकाबला करने का एक अनोखा तरीका निकाला और वहीं डटे रहे। एक दिन पहले ही पतंग उड़ाने का परीक्षण कर लिया गया था।
एक्स पर साझा किया गया वीडियो
Can you imagine that farmers are battling Modi govt’s tear gas shell firing drones with kites?
You can see in a video kite flown by a protesting farmer forced govt drone to retreat.
Yes, This is Basant Panchami and farmer pic.twitter.com/kVmv1SgneS— Praveen (@praveenpscs) February 14, 2024
दिन के उजाले में हरियाणा पुलिस ने जब ड्रोन से अश्रु गैस के गोले दागे तो आसमान पर कई पतंग उड़ते दिखे। इन पतंगों ने ड्रोन को रोटरों को अपने मजबूत धागे में उलझा दिया। इससे कमसे कम एक ड्रोन खेत में जाकर गिर गया और हरियाणा पुलिस ने ड्रोनों पर मंडरा रहे संकेत को देखते हुए बाकी ड्रोन वापस बुला लिये। इस तरह ड्रोन का पतंग से मुकाबला करने का व्यवहारिक इस्तेमाल देखने को मिला।
पंजाब की शंभू सीमा से सामने आए दृश्यों में प्रदर्शनकारी किसानों को ड्रोन के आंसू-गैस फायरिंग क्षेत्र को प्रतिबंधित करने के लिए पतंग उड़ाते हुए दिखाया गया है। बसंत पंचमी के मौके पर किसानों का अनोखा विरोध प्रदर्शन सामने आया। हरियाणा पुलिस ने बुधवार को पंजाब के किसानों को उनके दिल्ली चलो मार्च के दूसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए शंभू सीमा पर आंसू गैस के गोले छोड़े।
हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने स्पष्ट किया कि वे बाधाओं के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने के लिए दृढ़ हैं, कई युवा किसानों ने शंभू सीमा पर बहुस्तरीय सीमेंटेड ब्लॉकों को हटाने के लिए अपने ट्रैक्टर तैयार कर लिए हैं। अश्रु गैस को रोकने के लिए भी इस बार किसान अपने साथ पंप लेकर आये हैं और उसका लगातार इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
किसानों ने हरियाणा सुरक्षा कर्मियों द्वारा छोड़े गए किसी भी आंसू गैस के गोले के प्रभाव को कम करने के लिए पानी के टैंकरों की भी व्यवस्था की। हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर इसी तरह के गतिरोध की सूचना मिली थी, जहां हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किसानों को अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर दिल्ली जाने से रोक दिया था।
दिल्ली चलो मार्च में भाग लेने के लिए पंजाब के कई स्थानों से किसानों का शंभू सीमा पर आना जारी है, पंजाब की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी देखी जा सकती हैं। इस बीच कई अन्य किसान संगठनों ने भी पुलिस के इस आचरण का विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि यदि यही हाल रहा तो देश के दूसरे हिस्सों से किसान भी दिल्ली के लिए कूच करेंगे।