विशेष रिपोर्ट
-
गरीब किसान मवेशी बेचकर ठगे गये
-
एक लाख के नकली नोट खपाने का धंधा
-
असली के बीच धड़ल्ले से चल रहे हैं नकली भी
राष्ट्रीय खबर
मुर्शिदाबादः बांग्लादेश की सीमा से सटे गाय बाजारों में इनदिनों फर्जी दो हजार के नोटों की बाढ़ आ गयी है। इन इलाकों में मवेशी बेचने आये अनेक लोग इस फर्जीवाड़ा के शिकार हुआ हैं। मामले की छानबीन में पता चला है कि बाजार में यह नकली नोट भी सीमावर्ती गांवों में सस्ते में बेचा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मुर्शिदाबाद ही नहीं बल्कि बांग्लादेश के नदिया, मालदह, उत्तर 24 परगना सीमावर्ती इलाकों में भी नकली नोटों की भरमार है।
बेलडांगा बाजार में एक जोड़ी बैल और गाय 70 हजार रुपए नकद में बिके। बेगुनबाड़ी, मुर्शिदाबाद के रहीम मंडल तीन बार पैसे गिनकर अपनी लुंगी की तह में रखकर घर लौट आए। अगले दिन उस समय समस्या आ गई जब वह उन पैसों से बरुआ बाजार में अपनी बेटी की शादी के लिए खरीदे गए गहनों की कीमत चुकाने की कोशिश कर रहा था। 2000 के 10 नोट लेकर दुकानदार बोला, 8 नोट नकली हैं! रहीम यह सुनकर अवाक रह गए।
बाद में उन्होंने यह सोचकर प्रशासन से संपर्क नहीं किया कि वह कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं। यह कोई असाधारण मामला नहीं है। रहीम जैसी घटना का शिकार निमतीता निवासी रामचरण विश्वास भी हुआ। प्याज बेचकर तहजुद्दीन को 2000 रुपए की कीमत मिली। उस पैसे से धुलियन के एक निजी नर्सिंग होम में अपनी पत्नी के मेडिकल बिल भरते समय उन्हें पता चला कि सारे नोट नकली थे। बांग्लादेश की सीमा के सभी इलाकों में नकली नोटों की भरमार है।
30 सितंबर के बाद 2000 रुपए के नोट अवैध हो जाएंगे। 2000 रुपये के नोट जो पहले स्टॉक थे उन्हें बाजार में उतारा जा रहा है। इसका फायदा जालसाज उठा रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि एक माह पहले भी जहां तस्करों को 2000 रुपये के नकली नोटों में एक लाख रुपये मिलते थे, वहीं अब मुनाफा दोगुना हो गया है। जिससे उनकी दिलचस्पी और बढ़ गई है। पुलिस प्रशासन इस स्थिति में अतिरिक्त सतर्क है।
जंगीपुर पुलिस जिला अधीक्षक वी सतीश ने कहा, नकली नोटों की तस्करी को रोकने के लिए जिला पुलिस काफी सक्रिय है। नियमित कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी में नकली नोटों के साथ कई तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। जिला पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।रानाघाट पुलिस जिला अधीक्षक के कन्नन ने कहा, बीएसएफ के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा जा रहा है। नकली नोट बेचने वालों की तलाश जिला पुलिस कर रही है।
बीएसएफ का खुफिया विभाग भी अलर्ट है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय नकली नोट तस्करी के गिरोह के पंडे समशेरगंज, सुती, फरक्का, मुर्शिदाबाद के रानीनगर, मालदा के कालियाचक, नदिया के करीमपुर, छपरा, राणाघाट और बनगांव और स्वरूपनगर के रास्ते 2 हजार रुपये के नकली नोटों की तस्करी की फिराक में हैं। इसके लिए देश के तस्करों के सार्वजनिक लाभ को एक विशेष ऑफर के साथ बढ़ाया गया है।
अगर 1 लाख रुपये के नकली नोट देश के बाजार में बिक सकते हैं तो 30-40 हजार रुपये लाभ के रूप में तस्करों की जेब में घुस जाते हैं। अब यह बढ़कर 70-80 हजार रुपये हो गया है। बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, बांग्लादेश में नवाबगंज, राजशाही, कुश्तिया इन नकली नोटों के पारगमन बिंदुओं में से एक हैं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश में बने नकली नोट मुख्य रूप से इन तीन जिलों में जमा हैं। वे तस्करों को आकर्षक पेशकशों के साथ अगस्त के महीने तक भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। गुप्तचरों के मुताबिक इस मामले में तस्कर बांग्लादेश की सीमा से लगे मुर्शिदाबाद और नदिया के पशु बाजारों को चुन रहे हैं।
गाय बाजार में चंद घंटों में ही लाखों रुपये का लेन-देन हो जाता है। नकली नोटों की तस्करी के लिए इस प्रवृत्ति का फायदा उठाया जा रहा है। उन नकली नोटों का इस्तेमाल गायों की बिक्री के भुगतान के लिए किया जा रहा है! समय की कमी के कारण गाय बेचने वाले उस वक्त नकली नोटों की पहचान तक नहीं कर पाते हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक राज्य पुलिस के खुफिया विभाग ने सीमावर्ती थानों को पहले ही अलर्ट कर दिया है। नाक की जांच बढ़ा दी गई है। गाय बाजारों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। बीएसएफ के साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी एके आर्या ने कहा, बीएसएफ नकली नोटों की तस्करी को लेकर काफी चिंतित है। सीमा पार किसी भी तरह की तस्करी को रोकने के लिए बल हमेशा तैयार हैं। नकल की घटनाएं काफी कम हुई हैं। हाल ही में कई घटनाओं में कई तस्करों को गिरफ्तार कर पुलिस को सौंपा जा चुका है।