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जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष आज भी काला ड्रेस में

  • हंगामे के कारण बैठक तीन तक स्थगित

  • पीठासीन अधिकारी की अपील का असर नहीं

  • सीतारमण ने पेश किया अपने विभाग का विधेयक

नयी दिल्ली: विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में बुधवार को प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022 पारित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022 चर्चा के लिए पेश किया। हंगामे के दौरान ही कुछ संशोधनों के साथ इस पारित किया गया।

प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव वाली चीजों को समाप्त करना और उप•ोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना था। प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022 का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी कानूनों में बदलाव करना है। इस विधेयक सेटलमेंट एवं कमिटमेंट फ्रेमवर्क प्रस्तावित किया गया है जिसका उद्देश्य प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रथाओं से संबंधित मुदकमों को कम करना है।

विधेयक पारित होने के बाद पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने विपक्षी सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने और सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने में सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, आप लोग भी जनता का वोट लेकर यहां आये हैं। इस तरह हंगामा करना अच्छी बात नहीं है। अपनी बात अपनी सीट पर जाकर कहिए।

काले लिबास में सदन में आये विपक्षी सदस्यों पर रमा देवी की बात का कोई असर नहीं हुआ और सदन में हंगामा तथा शोरशराबा जारी रहा। विपक्षी सदस्य अडानी मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समित के गठन की मांग कर रहे थे। कुछ सदस्य अपने हाथों में तख्तियां भी लिये थे।

हंगामा और शोरशराबा रुकते न देख रमा देवी ने सदन की कार्यवाही तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी सदस्य सदन के बीचोबीच आकर हंगामा और शोरशराबा करने लगे थे, जिस पर पीठासीन अधिकारी भर्तहरि मेहताब ने कहा कि सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाना पीठ की ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों के सदस्यों की भी जिम्मेदारी है। हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।

धनखड़ को बोलने का मौका भी नहीं मिला राज्यसभा में

नयी दिल्ली: राज्यसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने अदानी कंपनियों में सरकारी निवेश को लेकर बुधवार को भारी हंगामा किया जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा सदन की कार्यवाही 2:00 बजे तक स्थगित कर दी गयी।

सभापति जगदीप धनखड़ सुबह सदन के कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया तो कांग्रेस तथा विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने मुंह पर काली पट्टी बांधकर आए थे। शोर-शराबे के बीच सभापति ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवायें। इसके बाद श्री धनखड़ ने कहा कि उन्हें सदस्यों की ओर से आठ नोटिस मिले हैं। इस बीच विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही लगभग छह मिनट के भीतर ही 2:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

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