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ठगी के आरोपी को ढाई सौ वर्षों के कैद की सजा

राष्ट्रीय खबर

भोपालः मध्य प्रदेश के एक शख्स पर चिटफंड खोलकर 4000 करोड़ रुपए ठगने का आरोप लगा है। उस राज्य की एक निचली अदालत ने उस व्यक्ति को 250 साल की सजा सुनाई। उस शख्स का नाम है बालासाहेब भापकर। इसके अलावा कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में शामिल 4 और लोगों को सजा देने का आदेश दिया है।

पुलिस और जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश के रहने वाले बालासाहेब ने साइप्रसाद ग्रुप कंपनीज नामक कंपनी की स्थापना कर इस चिटफंड के कारोबार की शुरुआत की थी। 2009 से 2016 के बीच संस्था के कर्मचारियों ने अलग-अलग गांवों और उपनगरों का दौरा किया और बताया कि अगर वे अपनी संस्था में पैसा रखेंगे तो जमा राशि सिर्फ 5 साल में दोगुनी हो जाएगी। इस वादे से आकर्षित होकर कई लोगों ने कंपनी में पैसा लगाया। इस पैसे को विभिन्न आवास उद्योगों में निवेश करने का दावा किया गया था। लेकिन जांचकर्ताओं के मुताबिक आवास परियोजना में एक भी आवास का निर्माण नहीं किया गया है।

कंपनियों की अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए केंद्रीय निकाय सेबी द्वारा कुछ प्रतिबंध भी लगाए जाते हैं। लेकिन कथित तौर पर, बालासाहेब दूसरे क्षेत्रों में पैसा लगाते रहे। उनका कारोबार इतना बढ़ा कि उन्होंने देश के 20 राज्यों में जमाकर्ताओं का पैसा निकालना शुरू कर दिया। कंपनी का पैसा कम से कम 23 मामलों में निवेश किया गया था।

करीब 5 लाख लोगों से 4000 करोड़ रुपये वसूले गए। लगभग 300 जमाकर्ताओं ने पुलिस से शिकायत की कि ब्याज के कारण पैसा नहीं दिया जा रहा है। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, कई लोगों का मानना ​​है कि किसी को इतने लंबे समय तक कैद रखने का आदेश देश में दुर्लभ है। आजीवन कारावास की इस सजा के खिलाफ चिटफंड मालिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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