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शारदा पीठ के लिए भी गलियारा खोलने का प्रयास करेगा भारत

  • शारदा पीठ पीओके के इलाके में स्थित है

  • वर्तमान में यह पूरी तरह उपेक्षित हाल में

  • करतारपुर गलियारा की तरह का इंतजाम

राष्ट्रीय खबर

दिल्लीः केंद्र सरकार अब पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित प्राचीन शारदा पीठ मंदिर के लिए भी गलियारा खोलने का प्रयास करेगी। इसके संकेत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिये हैं। उन्होंने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुपवाड़ा के तीतवाल में मां शारदा देवी मंदिर का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। शाह ने कहा कि नववर्ष के अवसर पर मां शारदा के नवनिर्मित मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है और यह पूरे भारत के श्रद्धालुओं के लिए एक शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि मां शारदा के मंदिर का उद्घाटन एक नए युग की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि शारदा पीठ के तत्वावधान में इस मंदिर का वास्तु शास्त्र एवं निर्माण पौराणिक शास्त्रों के अनुसार किया गया है। उन्होंने कहा, कुपवाड़ा में मां शारदा के मंदिर का पुनर्निर्माण शारदा-सभ्यता की खोज और शारदा-लिपि के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम है।

इसी सिलसिले में श्री शाह ने कहा कि कभी शारदा पीठ को भारतीय उपमहाद्वीप में ज्ञान का केंद्र माना जाता था, देश भर से विद्वान यहां शास्त्रों और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में आते थे। उन्होंने कहा, शारदा लिपि हमारे कश्मीर की मूल लिपि है, जिसका नाम मां शारदा के नाम पर रखा गया है।

शारदा पीठ भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और शैक्षिक विरासत का एक ऐतिहासिक केंद्र रहा है, जैसे करतारपुर कॉरिडोर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत सरकार, श्रद्धालुओं के लिए शारदा पीठ खोलने के लिए आगे बढ़ेगी। यह प्राचीन मंदिर और विश्वविद्यालय शारदा पीठ पीओके में नियंत्रण रेखा के पार नीलम घाटी में स्थित है। करतारपुर गलियारा खोले जाने के बाद पाकिस्तान को भी भारतीय श्रद्धालुओं से धार्मिक पर्यटन के जरिए अतिरिक्त आमदनी का नया स्रोत मिला है। इसलिए

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर में शांति स्थापित हुई है, कश्मीर घाटी और जम्मू एक बार फिर अपनी पुरानी परंपराओं, सभ्यता और गंगा-जमुनी तहजीब की ओर लौट रहे हैं।

शाह ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने संस्कृति कायाकल्प सहित जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों में पहल की है। इसके तहत चिन्हित 123 स्थानों पर व्यवस्थित जीर्णोद्धार और मरम्मत का काम चल रहा है, जिसमें कई मंदिर और सूफी स्थल शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 65 करोड़ रुपये की लागत से 35 स्थानों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सूफी संतों के 75 स्थलों को चिन्हित कर 31 मेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

शाह ने कहा कि हर जिले में 20 सांस्कृतिक उत्सव भी आयोजित किए गए हैं जो हमारी पुरानी विरासत को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि आज की शुरुआत इस स्थान के खोए हुए गौरव को वापस लाने में मदद करेगी और मां शारदा के आशीर्वाद से यह स्थान पूजा का केंद्र बना रहेगा और युगों-युगों तक भारत की चेतना को जगाता रहेगा।

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