Breaking News in Hindi

सुप्रीम कोर्ट से डबल इंजन वाली सरकार को डबल झटका

  • सुप्रीम कोर्ट ने बना दी अपनी जांच कमेटी

  • चुनाव आयुक्त पर तीन लोग मिलकर फैसला लेंगे

  • मीडिया के एक वर्ग को अदालत ने पक्षपाती करार दिया

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी प्रकरण और चुनाव आयोग पर एक ही दिन अलग अलग फैसला सुनाया है। हर चुनाव प्रचार में डबल इंजन की सरकार के फायदे गिनाने वाली सरकार इन दोनों ही फैसलों से असहज स्थिति में है।

इसकी यह वजह है कि इन दोनों ही संस्थानों पर विपक्ष में पक्षपात और सरकार के पिट्ठू के तौर पर काम करने का आरोप पहले से लगा रखा है।

अडाणी प्रकरण में शीर्ष अदालत पहले ही केंद्र सरकार के सुझाव को खारिज कर चुकी है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने अपनी तरफ से अडाणी मामले पर निगरानी के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे जबकि इसमें ओपी भट्ट, जेपी देवदत्त, नंदन नीलेकणी, केवी कामथ और सोमशेखरण सुंदरशन सदस्य बनाये गये हैं।

इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया है कि वह पूरे मामले की जांच कर अगले दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट दें। इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी भी पूरे मामले की निगरानी करती रहेगी।

सेबी के चेयरमैन को निर्देश दिया गया है कि वह समय समय पर इस कमेटी द्वारा मांगी गयी सूचनाएं उपलब्ध करायेंगे। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला की पीठ ने यह आदेश पारित किया है।

दूसरी तरफ न्यायमूर्ति केएम जेसफ ने संविधान पीठ की अदालत ने चुनाव आयोग के मामले में स्पष्ट कर दिया कि संसद द्वारा इस बारे में कोई नया कानून बनने तक चुनाव आयोग के आयुक्तो की नियुक्ति प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

संविधान पीठ का यह आदेश पढ़ते हुए न्यायमूर्ति जोसफ ने साफ कर दिया कि संसद द्वारा नया कोई कानून बनने तक यह प्रथा प्रभावी रहेगी। इस संविधान पीठ में न्यायमूर्ति जोसफ के अलावा अजय रस्तोगी, हृषिकेष राय, सीटी रविकुमार शामिल थे। इस मामले में अदालत ने मीडिया की भूमिका की भी आलोचना की है।

यह कहा गया है कि मीडिया का एक वर्ग अब पूरी तरह पक्षपाती हो गया है। इस आदेश में कहा गया है कि किसी भी चुनाव आयुक्त को हटाने की प्रक्रिया भी मुख्य चुनाव आयुक्त पर लागू होने वाले नियमों के जैसी ही होगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.