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सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के सुझावों को उलझा दिया केंद्र ने

  • जाति आधारित आर्थिक सर्वेक्षण की मांग हुई

  • किसान फसल बीमा और महिला आरक्षण भी था

  • बैठक में शामिल नहीं हो सके कांग्रेस के नेता

नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र के पहले आज सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने जनगणना में जाति आधारित आर्थिक सर्वेक्षण कराने, सहकारी संघीय प्रणाली, किसान फसल बीमा, महिला आरक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराने की मांग की लेकिन सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव एवं आम बजट पर चर्चा के दौरान इन सब विषयों पर चर्चा हो सकती है।

संसद के पुस्तकालय भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि संसद का बजट सत्र कल शुरू हो रहा है। कल राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। परसों आम बजट पेश किया जाएगा। सदन में राष्ट्रपति के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव तथा आम बजट पर चर्चा होगी।

इसके बाद 13 फरवरी को मध्यावकाश होगा। इसके बाद 13 मार्च से सदन की कार्यवाही शुरू होगी और तब वित्त विधेयक पारित होगा। श्री जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में 27 पार्टियों के 37 नेताओं ने शिरकत की। कांग्रेस पार्टी ने एक पत्र भेज कर सूचित किया है कि श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण विमान सेवाएं प्रभावित हुईं हैं जिससे पार्टी के नेता बैठक में भाग लेने में असमर्थ रहे।

उन्होंने कहा कि बैठक बहुत अच्छे एवं सकारात्मक माहौल में हुई। नेताओं ने कई मांगें की हैं। सरकार की ओर से शीतकालीन सत्र में कुछ मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा करायी गयी थी। वित्तीय अनुपूरक अनुदानों की मांग पर करीब 12-13 घंटे चर्चा हुई थी। उसमें सभी विषयों को उठाया गया था।

इस बार भी सरकार ऐसा ही चाहती है। धन्यवाद प्रस्ताव एवं आम बजट पर चर्चा में सब मुद्दे आ सकते हैं। इसके अलावा नियमों एवं प्रक्रियाओं के अधीन अनुमति से किसी भी मुद्दे पर अलग से भी चर्चा हो सकती है। बैठक में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने देश में पिछड़े वर्ग की आर्थिक स्थिति को जानने के लिए जाति आधारित आर्थिक जनगणना कराये जाने की मांग की।

वाईएसआर कांग्रेस की इस मांग को तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, बीजू जनता दल तथा कुछ अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला। वाईएसआर कांग्रेस के संसदीय दल के नेता वी। विजय साई रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सरकार से संसद की कार्यवाही के दिनों में कमी आने पर चिंता व्यक्त की तथा महिलाओं के लिए आरक्षण, ब्लू इकॉनोमी, पिछड़े वर्ग के कल्याण के मुद्दे उठाये।

उन्होंने कहा कि देश में करीब 50 प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग की है। पिछड़े वर्ग की जाति आधारित जनगणना की मांग पुरानी है। आज उन्होंने मांग की है कि पिछड़ी जातियों की आर्थिक स्थिति विशेष रूप से शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवं रोजगार की स्थिति का आकलन किया जाना चाहिए, इसलिए जनगणना में जाति आधारित आर्थिक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।

इससे पिछड़े वर्ग की वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा। तेलंगाना राष्ट्र समिति के संसदीय दल के नेता केशव राव ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सहकारी संघीय प्रणाली पर चर्चा की मांग की है। चूंकि सदन में राज्यपाल की भूमिका एवं गतिविधियों पर चर्चा नहीं हो सकती है इसलिए विपक्ष के कई दल संघीय व्यवस्था को लेकर चर्चा कराने के पक्ष में हैं।

उन्होंने तमिलनाडु, तेलंगाना में राज्यपालों के आचरण के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संसद में भी केवल सरकारी विधेयकों को पारित कराने के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि ओडिशा में ढांचागत विकास को लेकर वह चर्चा चाहते हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि संविधान की प्रस्तावना में अहिंसा शब्द जोड़ा जाए। शिरोमणि अकाली दल की श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब में सिखों के साथ कानूनी भेदभाव किया जा रहा है।

राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा का दुरुपयोग हो रहा है। बीमा कंपनियां प्रीमियम लेने के बाद किसानों के संपर्क से बाहर हो जाती हैं और किसान दावे के लिए इधर उधर भटकते हैं। उन्होंने मांग की किसानों के सभी मुद्दों पर चर्चा करायी जाये।

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