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चीन का बहिष्कार कर कड़ा संदेश देने की जरूरत : केजरीवाल

नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल ने चीन का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा कि वह हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है और हम उससे व्यापार बढ़ाते ही जा रहे हैं। श्री केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को यहाँ छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

उन्होंने 74वें गणतंत्र दिवस की दिल्ली और देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि हम एक तरफ 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और दूसरी तरफ आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, राजगुरु जैसे ढेरों नाम हैं जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश को आजादी दिलाई थी।

स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के बाद की पीढ़ियों के उपर इस आजादी और जनतंत्र को मजबूत व संभाल कर कायम रखने की जिम्मेदारी दी है।  उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से चीन हमारी सीमाओं पर हमें आंखें दिखा रहा है।

आज ही देश के एक अखबार में छपा है कि चीन ने हमारे देश की कुछ जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह सभी भारतवासियों के लिए चिंता का विषय है। हमारे सैनिक चीन के सैनिकों से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पूरी बहादुरी के साथ हमारे सैनिक बॉर्डर पर चीन का मुकाबला कर रहे हैं।

एक तरफ, हमारे सैनिक बॉर्डर पर चीन का मुकाबला कर रहे हैं तो दूसरी तरफ देश की सारी सरकारों और हर भारतवासी का भी फर्ज बनता है कि हम उनकी इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। हमारा भी फर्ज बनता है कि चीन को कड़ा संदेश दिया जाए कि भारतीय यह बर्दाश्त नहीं करेगा।

हम चीन का बहिष्कार करें और उसको सख्त संदेश दें। 2020 में हम लोगों ने चीन से 65 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा और 2021 में 95 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। हमने 50 फीसद व्यापार बढ़ा दिया। हम तो चीन को और अमीर बनाते जा रहे हैं। उनसे और सामान खरीदते जा रहे हैं, उनको और पैसा दे रहे हैं।

चीन हमारे ही पैसे से और अधिक हथियार खरीद रहा है, सैनिकों को भर्ती कर रहा है और हमारे उपर आक्रमण कर रहा है। यह तो सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ पिछले पांच-छह सालों में 12 लाख व्यापारी व उद्योगपति अपना देश छोड़कर विदेश चले गए। वह अपनी व्यवस्था और एजेंसी से परेशान होकर के भारत छोड़कर विदेश चले गए।

हमने अपने व्यापारियों व उद्योगपतियों को इतना दुखी कर रखा है कि वह बहुत तंग आ चुके हैं, उनका अपने देश में धंधा मुश्किल हो गया है और भारत छोड़-छोड़कर जा रहे हैं। पिछले 5 साल के अंदर 12 लाख लोग भारत छोड़कर चले गए। हम अपने लोगों को भगा रहे हैं और चीन से सारा सामान आयात कर रहे हैं, ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?

उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश को स्वतंत्र कराया और जनतंत्र की स्थापना की।पिछले कुछ वर्षो से हम देख रहे हैं कि जनतंत्र के ऊपर भी थोड़ी-थोड़ी आंच आने लगी है।जनता और जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों के ऊपर कोई नहीं है।

लेकिन पिछले कुछ सालों में हम देख रहे हैं कि एक राज्य ऐसा है, जहां जनता की चुनी हुई सरकार ने ढेरों कानून पास किए, लेकिन वहां का गवर्नर कानून पर दस्तखत करने को तैयार नहीं है। जो कानून जनता ने पास किए, जो कानून जनता की चुनी हुई सरकार ने पास किए, क्या एक आदमी उन कानूनों को रोक सकता है।

क्या एक आदमी को अधिकार होना चाहिए कि वो जनता की अभिलाषा, कामनाओं और कामों को रोक दे। यह तो जनतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली के अंदर है।

दिल्ली में महंगाई की दर 3 फीसदी है, जबकि गुजरात में 7 फीसदी, हरियाणा में 7.8 फीसदी है, जो दिल्ली से ढाई गुना ज्यादा है। मध्यप्रदेश में महंगाई की दर 7.5 फीसदी है। पूरे देश में सबसे सस्ती चीजें और सबसे कम महंगाई दिल्ली में है, क्योंकि आज यहाँ बिजली, पानी मुफ्त है। दिल्ली में शानदार सरकारी स्कूल है और सरकारी स्कूलों में सारी शिक्षा मुफ्त है। दिल्ली में सारी स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त है।

सरकारी अस्पताल में सारा इलाज, टेस्ट, दवाइयां और ऑपरेशन सब कुछ मुफ्त है। महिलाओं के लिए बसों का सफर मुक्त है। बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा मुफ्त है। राशन मुफ्त है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि पिछले एक साल में खाने पीने की कई चीजों दही, दूध, गेहूं आदि पर जीएसटी लगा दिया गया।

जीएसटी लगाने से ये सारी खाने-पीने की चीजें बहुत महंगी हो गई। एक आम आदमी के लिए आज अपने घर का खर्चा चलाना मुश्किल होता जा रहा है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इन सब चीजों से जीएसटी हटाकर देश के लोगों को महंगाई से बहुत बड़ी राहत देगी।

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