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एक साथ दो देशों में रह सकते हैं आप इस होटल में

  • होटल के बीचों बीच से है सीमा रेखा

  • यहां पर दोनों देशों की मुद्रा चलती है

  • दोनों देशों का टेलीफोन लाइन भी है

जेनेवाः यह कल्पना नहीं हकीकत है। यहां के थोड़ी दूर पर स्थित होटल आर्बेज फ्रैंको सुइस का यही हाल है। यह होटल अपनी इस विशेषता की वजह से यूरोप के पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना है। इस होटल के कई कमरे ऐसे हैं, जहां अगर आप सोते हैं तो आपका सर फ्रांस में और पैर स्विटजरलैंड में होता है।

दरअसल इस होटल के बीच से ही दोनों देशों की सीमा रेखा है। लेकिन इसे वास्तव में रेखांकित कर अलग नहीं किया गया है। इसलिए कहा जाता है कि यह ठहरने पर आप एक साथ दो देशों में रूकने का आनंद ले सकते हैं। वैसे यहां रूकने के लिए आपको हमेशा यह ध्यान देना है कि आप किस देश की इलाके में हैं और आप उस देश के किसी नियम को तोड़ तो नहीं रहे हैं।

वहां के लोग बताते हैं कि काफी दिनों पहले स्विटजरलैंड के एक कस्टम अधिकारी ने वहां ताश खेलने वाले लोगों पर आर्थिक जुर्माना लगाया था। ऐसा नहीं है कि वहां ताश खेलने पर पाबंदी है। कानून का उल्लंघन इस बात पर हुआ था कि जहां पर यह सारे लोग बैठे हुए थे, वह स्विटजरलैंड का इलाका था और सारे लोग फ्रांस में बने ताश की गड्डियों के खेल रहे थे।

दोनों देशों के खान पान सहित कई नियमों का यहां ख्याल रखना पड़ता है। दस्तावेजों के मुताबिक इस होटल को वर्ष 1920 में तैयार किया गया था। होटल आरबेज के नाम से यह ज्यादा ख्यातिप्राप्त है। होटल में कई कमरे ऐसे हैं, जो दोनों देशों के बीच की अदृश्य सीमा रेखा के ऊपर है।

जुरा पर्वत श्रृंखला के करीब ला कूरे नामक छोटे से शहर में यह होटल स्थित है। शेष इलाके में दोनों देशों की सीमा रेखा स्पष्ट तौर पर दर्ज है। एक होटल के साथ ऐसा क्यों हुआ, यह सवाल स्वाभाविक है। यह पता चला कि एक अंतर्राष्ट्रीय समझौते की वजह से इस इलाके को यथावत छोड़ दिया गया है।

इसी वजह से दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब जर्मन सेना यहां पर आयी तो होटल में प्रवेश करने के बाद भी वह ऊपर नहीं जा सकी क्योंकि वहां पर स्विटजरलैंड की सीमा कहां से प्रारंभ होती है, उसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। जर्मन सेना को फ्रांस पर ही हमले का आदेश था। वर्ष 1862 के एक समझौते की वजह से यह स्थिति बनी हुई है।

दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ था और पास की महत्वपूर्ण सड़क फ्रांस के अधीन किया गया था। उसी समझौते में यह प्रावधान था कि वहां पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए। इसी वजह से वहां दोनों देशों की मुद्रा प्रचलन में है।

इस होटल में दो टेलीफोन भी लगे हैं क्योंकि दोनों देशों में फोन करने के लिए कोई भी ग्राहक अंतर्राष्ट्रीय कॉल के पैसा खर्च नहीं करना चाहता है। होटल का आधा हिस्सा फ्रांस में और शेष आधा हिस्सा स्विटजरलैंड में है। भोजन के मामले में भी वहां आने वालों को यह ध्यान देना पड़ता है कि वह किस देश के हिस्से में बैठकर खाने का ऑर्डर दे रहे  हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों देशों के भोजन सामग्री पर भी अलग अलग किस्म के प्रतिबंध हैं। एक देश का खाना दूसरे देश में ले जाने पर भी पाबंदी है। दोनों देशों को सरकारी कर्मचारी इन नियमों का सही तरीके से पालन हो, इस पर पूरा ध्यान भी रखते हैं।

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