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आदिवासी विकास का पैसा खर्च नहीं होगा इस सरकार के लिए शर्मनांकः नायक

रांचीः आदिवासी सरकार में आदिवासी बचाओ रैली होना और आदिवासियों के विकास की राशि 135 करोड़ में मात्र ₹13 करोड़ ही खर्च किया जाना आदिवासी की बात करने वाली सरकार के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने के समान हैl उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व प्रत्याशी कांके विधानसभा क्षेत्र विजय शंकर नायक ने आज आदिवासी बहुल गांव के विकास की योजनाओं की राशि

135 करोड़ में मात्र ₹13 करोड़ ही खर्च किया जाने पर आज  अपनी प्रतिक्रिया  मे कही।  इन्होने  आगे कहा कि आज आदिवासी बहुल गांवो के विकास  योजनाओं का हाल बद से बदतर हो गया है।  श्री नायक  ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष  2020-21 मे जनजातीय  उपयोगिता क्षेत्र (टी.एस.पी) मे विशेष  केंद्रीय  सहायता मद से सिर्फ 13.11 करोड रुपये  ही खर्च  हुए जबकि 70.49 करोड़ रुपए  ही उपलब्ध  थे।

वित्तीय वर्ष  2021-22 के दौरान  इस मद  से फुटी  कौडी  भी खर्च   नही किया गया है जबकि 65.31 करोड़ रुपए  आंवटित किये गये थे।  यानी दो वित्तीय वर्ष  मे केन्द्र  ने आदिवासी  बहुल  गांवों के विकास  के लिए 135.8 करोड़ दिये पर खर्च  13.11 करोड़ रूपए  ही हुए एंव  2022-23 मे 702  गांवो को विकसित  करने का मामला अभी केन्द्र  सरकार  के पास विचाराधीन  है जो निंदा  का विषय  है

और मंच  केन्द्र  से मांग करता है कि 702  गांवो को विकसित  करने के मामला को विचाराधीन  कर लटकाया जाना नही चाहिए  इस योजना को तुरंत स्वीकृत  किया जाना चाहिए  ताकि 702  गांवो को विकसित  करने का  मार्ग प्रशस्त  हो सके।

श्री नायक  ने राज्य  के मुख्य मंत्री से अनुरोध  किया कि वे इस बिन्दु  पर व्यक्तिगत  रूची लेकर (टी.एस.पी) मे मिले  करोङो की राशि को शत-प्रतिशत  खर्च  करने का विशेष  पहल करने हेतु विशेष  योजना  पर ध्यान  देने का कार्य  करे ताकि सभी आदिवासी बहुल गांव के विकास को गति दिया जा सके और  पिछड़े आदिवासी बहुल  सभी गांवो का विकास  हो सके।

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