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नायक के अनिल कपूर की तरह बीपीएल को सुधारना चाहते हैं शाकिब

बंगलादेश के अनुभवी आॅलराउंडर शाकिब अल-हसन ने अपने देश के घरेलू टी20 टूर्नामेंट बंगलादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) की व्यवस्था नायक फिल्म के अनिल कपूर की तरह सुधारने की मंशा जाहिर की है। शाकिब ने बीपीएल के नौंवे सीजन की शुरुआत से दो दिन पूर्व गुरुवार को कहा, अगर वे मुझे बीपीएल का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाते हैं तो सब कुछ ठीक करने में एक से दो महीने लगेंगे। आपने नायक फिल्म तो देखी ही होगी। अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो उसे एक दिन में कर सकते हैं। हमारे पास सभी आधुनिक तकनीकें होंगी। गुणवत्तापूर्ण प्रसारण और घर एवं बाहर के प्रारूप में टूर्नामेंट होगा। शाकिब ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि वह सुनिश्चित करते कि खिलाड़ियों का ड्राफ्ट सही समय पर तैयार हो और बीपीएल का आयोजन अन्य टी20 लीगों से न टकराये। बीपीएल ने अपनी सात फ्रेंचाइजी में से प्रत्येक के लिये मालिकों का चयन करने में काफी समय लगाया, जिसके कारण उनके खिलाड़ियों के ड्राफ्ट को 23 नवंबर तक विलंबित करना पड़ा।

उस समय तक जनवरी-फरवरी में होने वाली संयुक्त अरब अमीरात की आईएलटी20 और दक्षिण अफ्रीका की एसए20 ने अधिकांश बड़े खिलाड़ियों को ड्राफ्ट कर लिया था। बीपीएल ने जिन खिलाड़ियों को लीग में शामिल किया है वे भी पूरे सीजन के लिये उपलब्ध नहीं होंगे। शाकिब ने कहा कि बीपीएल का प्रचार कभी बंगलादेश में भी ठीक से नहीं हुआ, जबकि यह देश का नंबर एक खेल है। शाकिब ने कहा, हमारे पास कोई बाजार नहीं है क्योंकि हमने कभी बाजार नहीं बनाया। अगर हम इसमें कुछ पैसा लगाते तो बीपीएल वास्तम में बड़ा हो सकता था। इस देश में हर जगह क्रिकेट खेला जाता है, यहां तक कि दूरदराज के गांवों में भी। उन्होंने कहा, यह 16-18 करोड़ की आबादी वाले देश में एक बहुत लोकप्रिय खेल है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि यहां क्रिकेट के लिये बाजार नहीं हो सकता। यह विपणन के मामले में एक बड़ी असफलता है। शाकिब ने कहा कि कई देशों में बीपीएल का प्रसारण होने के बावजूद टूर्नामेंट में प्रदर्शन कैरेबियन प्रीमियर लीग या पाकिस्तान सुपर लीग में प्रदर्शन के समान महत्व नहीं रखता है। उन्होंने कहा, वे (बोर्ड) उन देशों की सूची दिखाते हैं जहां बीपीएल का प्रसारण होता है, लेकिन वास्तव में कोई भी यह टूर्नामेंट नहीं देखता। जब कोई युवा खिलाड़ी पीएसएल या सीपीएल में अच्छा करता है, तो उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह मिलती है। ऐसा तब नहीं होता जब वे बीपीएल में खेलते हैं। यह काफी निराशाजनक है कि हम इस स्तर पर बने हुए हैं।

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