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सीआरपीएफ का उल्टा आरोप राहुल खुद सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ते हैं

  • वेणुगोपाल ने लिखी है अमित शाह को चिट्ठी

  • दिल्ली में अनेक अपरिचित उनके करीब आये

  • तीन जनवरी से फिर प्रारंभ होगा दूसरा चरण

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था में खामी के आरोप के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों की तरफ से इसमें सफाई दी गयी है। सीआरपी की तरफ से यह कहा गया है कि राहुल खुद बार बार सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ते हैं। कांग्रेस के प्रेस कांफ्रेंस में ऐसा आरोप लगने के चौबीस घंटे के भीतर सीआरपी की तरफ से यह कहा गया है कि वर्ष 2020 से अब तक कुल 113 बार राहुल गांधी ने सुरक्षा प्रोटोकॉल खुद तोड़ा है।

दरअसल भारत जोड़ो यात्रा के हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करते वक्त कई अपरिचित लोग अचानक राहुल गांधी के काफी करीब आ गये थे जबकि सुरक्षा के घेरा नहीं था। इसी बात पर कांग्रेस की तरफ से आपत्ति जताते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा गया है। इसी बात का जिक्र कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी प्रेस कांफ्रेंस में किया था। उसके जबाव में सीआरपी की तरफ से राहुल को ही जिम्मेदार ठहराया गया है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अमित शाह को पत्र लिखकर बताया है कि जेड कैटेगरी की सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी खास तौर पर दिल्ली की सीमा में सुरक्षा में जबर्दस्त कमी देखने को मिली है। दिल्ली में इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने थोड़ी देर के बाद राहुल के चारों तरफ अलग से एक घेरा बना लिया था ताकि कोई अपरिचित उनके करीब ना आ सके। इस दौरान सुरक्षा कर्मी नदालत थे के आरोप का सीआरपी की तरफ से उत्तर दिया गया है।

सीआरपी की तरफ से यह कहा गया है कि उनकी तरफ से काम में कोई कोताही नहीं बरती गयी है। केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक राहुल गांधी ही खुद नियमों का पालन नहीं करते हैं, इस वजह से ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी की इस यात्रा के वीडियो से भी साफ दिख जाता है कि दिल्ली के अंदर जारी यात्रा के दौरान अपरिचित लोग भी राहुल के काफी करीब पहुंच रहे थे।

बाहरी घेरा में तैनात दिल्ली पुलिस नदारत थी। कांग्रेस का आरोप यह भी है कि आम लोगों के इतने करीब आने के बाद भी दिल्ली पुलिस सिर्फ दर्शक की भूमिका में थी, जो पूरी तरह गलत है। इस स्थिति को देखकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही राहुल गांधी के चारों तरफ एक घेरा बना लिया था।

सामयिक विराम के बाद यह यात्रा आगामी तीन जनवरी से फिर से प्रारंभ होगी। इस बार उत्तरप्रदेश होते हुए यह यात्रा पंजाब में प्रवेश करेगी। जहां से श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद यात्रा की समाप्ति होगी। तीस जनवरी तक यह यात्रा समाप्त होने की उम्मीद है। कांग्रेस का कहना है कि अब केंद्रीय गृह मंत्री को राहुल गांधी की यात्रा को लेकर गंभीर होना चाहिए।

अब वैसे इलाकों से यात्रा गुजरने वाली है, जहां सुरक्षा की परेशानियां पहले से रही हैं। इस यात्रा में शामिल होने के लिए  कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेत्री महबूबा मुफ्ती भी इसमें शामिल होगी। केरल में माकपा ने इस यात्रा में भाग नहीं लिया था लेकिन अब कश्मीर में माकपा नेता युसूफ तारिगामी इस यात्रा में पैदल चलेंगे। इसी वजह से सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस ने आक्रामक तेवर अपनाया है। जिसके उत्तर में सीआरपी ने यह आरोप लगाया है कि सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन खुद राहुल गांधी नहीं करते हैं।

आज भी टी शर्ट में लेकिन रंग था काला

राहुल गांधी दिल्ली की ठंड में अब भी टी शर्ट पहनकर ही चल रहे हैं। पूरा उत्तर भारत अभी कड़ाके की ठंड से गुजर रहा है। इस दौरान चर्चा का विषय यह है कि कंपकंपा देने वाले इस ठंड में भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिना ऊनी कपड़ों के सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल कैसे हो पा रहे हैं।

मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें राहुल गांधी अपनी भतीजी के साथ दिल्ली के एक मॉल में काली टी-शर्ट पहने दिख रहे हैं।  इसके पूर्व कांग्रेस मुख्यालय में टी शर्ट पर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर को कांट छांट कर भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय ने जारी किया था। चूंकि वहां दूसरी मीडिया भी मौजूद थी इसलिए अमित मालवीय द्वारा एडिट किये गये वीडियो का राज तुरंत ही खुल गया।

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