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जांबिया के इंजीनियरिंग छात्र का शव स्वदेश पहुंचाया गया

  • मादक पदार्थों की तस्करी में पकड़ा गया था

  • उसे नौ साल के कैद की सजा सुनायी गयी थी

  • यूक्रेन में वागनर ग्रूप के साथ लड़ने चला गया था

मास्कोः जांबिया के छात्र लेमेखानी नाइरेनडा का शव सरकार ने उसके देश भेज दिया है। वैसे खबर यह है कि उसकी मौत तो पिछले सितंबर माह में ही हो गयी थी लेकिन उसके घरवालों को इसकी जानकारी पिछले महीने दी गयी। जांबिया का यह छात्र रूस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गया था।

वहां मादक पदार्थों की तस्करी में पकड़े जाने की वजह से उसे नौ साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी। यूक्रेन के साथ युद्ध प्रारंभ होन के बाद रूस की सरकार ने जेल में बंद ऐसे कैदियों को युद्ध के मैदान में जाने की शर्त पर रिहा करने का काम किया था। नाइरेनडा भी इसी क्रम में यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में रूसी सेना की तरफ से गया था।

23 साल का यह युवक मॉस्को में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। जांबिया के विदेश मंत्री स्टैनली काकूबो ने इस बारे में रूसी विदेश मंत्री सेरेगेई लावारोव से और जानकारी मांगी है।

दरअसल जेल में बंद यह छात्र यूक्रेन कैसे पहुंचा, इस पर रूस ने औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। दूसरी तरफ इस बात की चर्चा है कि वह दरअसल रूसी सेना के लिए काम करने वाली निजी सेना यानी वागनर ग्रूप की तरफ से मोर्चे पर भेजा गया था। ऐसे कैदियों के साथ शर्त है कि युद्ध से लौटने पर उन्हें आम माफी प्रदान की जाएगी।

जांबिया की राजधानी लुसाका से मिली जानकारी के मुताबिक इस युवक का शव रविवार को वहां पहुंचाया गया है। डाक्टरी जांच के बाद शव को परिवार के लोगों की मौजूदगी में दफना दिया गया। मॉस्को में पुलिस ने उसे मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के लिए माल पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वर्ष 2020 में उसे मादक पदार्थों के साथ ही पकड़ा गया था। जांबिया में उसके घरवाले इस आरोप से इंकार करते हैं कि वह मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त था। उनलोगों के मुताबिक शायद किसी ने उसके भोलेपन का फायदा उठाकर उसे किसी तक कोई सामान पहुंचाने दिया होगा और वह पुलिस के चंगुल में इस तरीके से फंस गया।

वागनर समूह के मुख्यालय पर यूक्रेन का हमला

कियेबः इस बीच यूक्रेन की तरफ से यह दावा किया गया है कि उनकी सेना ने रूस की निजी सेना वागनर ग्रूप के मुख्यालय पर हमला किया है। इस हमले में अनेक लोग हताहत हुए हैं। इस दावे की अब तक पुष्टि नहीं हो पायी है। पूर्वी यूक्रेन के निर्वासित गर्वनर सेरही हाईदाई ने यह दावा किया है। यह सभी  की जानकारी में है कि यह वागनर ग्रूप दरअसल रूसी सेना का ही एक हिस्सा है, जो निजी कंपनी द्वारा संचालित है। इस समूह ने अफ्रीका सहित दुनिया के कई इलाकों में रूसी निर्देश पर गैर सरकारी सैन्य अभियानों में भाग लिया है। अब यूक्रेन के द्वारा हमला होने के वक्त उस कार्यालय में कोई था अथवा नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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