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रूसी सेना लौटी तो सामूहिक कब्र और यातना कक्ष का पता चला

दिनिप्रोः रूसी सेना के इलाकों से चले जाने के बाद रूसी अत्याचार के साक्ष्य मिलने लगे हैं। इन सबूतों के बाद भी रूसी सेना का अब भी यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में हमला जारी है और देश में गैस, बिजली और आधारभूत संरचनाओँ पर मिसाइल गिरना आज भी जारी रहा है। दूसरी तरफ अब बर्फवारी भी धीरे धीरे तेज होती जा रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की इस रणनीति की वजह से देश के करीब दस मिलियन लोग बिना बिजली के इस ठंड को झेलने पर विवश है।

साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे देश से रूसी सेना को निकाले जाने तक युद्ध जारी रहेगा। रूसी सेना द्वारा इलाका खाली करने के उल्लास के बीच लोग अब इन इलाकों में रूसी सेना द्वारा दफनाये गये लोगों की लाशों और उनके यातना कक्ष को खोज लिया है। खेरसोन के एक पुलिस थाना में रूसी सेना द्वारा छोड़े गये यंत्रों को देखकर यह साफ हो जाता है कि वह किस तरीके से पकड़े गये लोगों को यातनाएं देते थे।

इस थाना के बारे में लोगों ने बताया कि यहां पर कुछ लोगों को बिजली के झटके भी दिया जाता था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि यातना की वजह से एक अन्य बंदी की जुबान ही काली पड़ गयी थी और मोटी हो गयी थी। हालत यह था कि वह बेचारा अपने जुबान मुंह के अंदर नहीं ले पा रहा था। कुछ लोगों ने बताया कि उनकी आंखों में पट्टी बांधकर किसी निचले इलाके में ले जाया गया था। जहां पहले से भी बहुत सारे बंदी थे।

कई लोगों ने बताया कि यूक्रेन के नागरिकों की यूक्रेन की सेना द्वारा बिछाये गये बारूदी सुरंग पर से भी चलने पर मजबूर किया गया। इसमें अनेक लोग मारे भी गये। डिनिप्रो नदी के दूसरी पार तैनात रूसी सेना द्वारा कई इलाकों में एक साथ दफनाये गये लोगों के सामूहिक कब्र को भी लोगों ने खोज निकाला है। वैसे लोगों की शिकायत है कि वे अब भी रूसी मोबाइल टावरों के जद में है। इस कारण रूसी सेना के तकनीकी जानकार उनकी बातों को सुन पा रहे हैं।

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