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अब गणना में नई इकाइयों को जोड़ा जाएगा

  • चार नये शब्द जोड़े गये हैं इस गणना में

  • काफी सोच समझकर ही लिया गया फैसला

  • सौरमंडल का व्यास अब एक रोन्नोमीटर होगा

राष्ट्रीय खबर

रांचीः दुनिया भर के वैज्ञानिक अब इस बात पर सहमत हैं कि गणना के काम आने वाली इकाइयों में नये नाम जोड़े जाएं। दरअसल दुनिया की आबादी आठ सौ करोड़ पार करने के बाद इस पर फिर से विचार करने पर वल दिया गया है। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया की आबादी बढ़ने की वजह से वैज्ञानिक काम काज में आंकड़े भी बहुत अधिक होते चले गये हैं।

इसलिए वैज्ञानिक इस्तेमाल में आने वाली इकाइयों में यह नये शब्द जोड़े जाएं ताकि उन्हें एक शब्द में परिभाषित किया सके। वैज्ञानिकों की यह बैठक पेरिस में कल यानी शुक्रवार को हुई है। इस बात पर भी वहां मौजूद वैज्ञानिक सहमत थे कि खास तौर पर मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से आंकड़ों का बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है। इसलिए खास तौर पर वैज्ञानिक अनुसंधान में ऐसे छोटे शब्द जोड़े जाएं, जो बहुत बड़ी या बहुत ही छोटी संख्या को अर्थ दें।

इसके लिए फिलहाल दो नये नाम सुझाये गये हैं। लोगों ने विचार के बाद यह भी पाया है कि उच्चारण के लिए कठिन शब्द रखने से लोगों को परेशानी होती है। इसलिए ऐसे नाम सहज होने चाहिएं। आम तौर पर दुनिया का हर आदमी वर्तमान इकाइयों के नामों से परिचित है। लेकिन कभी कभार इस्तेमाल होने वाले शब्दों से भ्रम फैलता है।

ऐसा भ्रम हम रांची में भी एक टीवी चैनल की बहस में देख चुके हैं, जब पांच ट्रिलियन में कितने शून्य होते हैं, का सवाल खड़ा हुआ था। इसलिए अब जो नाम सुझाये गये हैं, उनमें दो शब्द नये हैं। इनमें से एक रोन्ना है। इसका अर्थ एक के बाद लगातार 27 शून्य का अंक है। इसी तरह उसके बाद का शब्द क्वेटा है, जिसमें एक के बाद तीस शून्य होते हैं। इसके ठीक विपरित शब्दों में रोंटों हैं, जिसका अर्थ दशमलव के बाद 27 शून्य हैं और क्वेक्टो यानी दशमलव के बाद तीस शून्य माना जाएगा।

वैज्ञानिकों की इस बैठक में दुनिया के 64 देशों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया था। जिसमें यह स्वीकारा गया कि मोबाइल और कंप्यूटर के इस्तेमाल में काम आने वाले काउड में भी आंकड़ों का बोझ समझने के लिए नये शब्द तैयार किये जाने चाहिए। वैज्ञानिक मानते हैं कि प्रगति के पथ पर अग्रसर क्वांटम विज्ञान और पार्टिकल फिजिक्स में भी इसका उपयोग बेहतर हो पायेगा।

वरना आम लोग मिलीमीटर से लेकर किलोमीटर या मिली ग्राम से लेकर किलोग्राम तक को आसानी से समझ लेते हैं। इन्हीं इकाइयों के आधार पर कंप्यूटर और सूचना तकनीक के वजन को भी परिभाषित किया गया है। लेकिन अब कंप्यूटर इससे आगे टेराबाइट तक जा पहुंचा है। इस वैज्ञानिक सहमति के बाद यह माना जा रहा है कि जो चार नये शब्द वैज्ञानिक इस्तेमाल के लिए स्वीकार किये गये हैं, उनका इस्तेमाल शीघ्र ही होने लगेगा।

हर चार साल में होने वाली इस बैठक में वर्ष 1991 के बाद ऐसे संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस बारे में बताया गया है कि यह नये शब्द उच्चारण करने में भी आसान है। अत्यंत सुक्ष्म इलेक्टॉन का वजन और किसी विशाल ग्रह का वजन भी इन चार शब्दों से समझा जा सकेगा। इसमें यह माना गया है कि पूरे सौरमंडल का व्यास एक रोन्नोमीटर होगा। इसका चयन सिर्फ गपशप में नहीं हुआ है। इन्हें तय करते वक्त कई बातों का ध्यान रखा गया है। इन शब्दों का पहला अक्षर वैसा है, जिनका पहले कभी प्रयोग नहीं किया गया है ताकि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हो। इन चार नये शब्दों को जोड़ने से वैज्ञानिक विश्लेषण का काम और आसान हो जाएगा।

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